राग-मधुवंती
थाट -तोड़ी
जाति - ओड़व - सम्पूर्ण
वादी - प
सम्वादी - रे
स्वर - ग कोमल और म तीव्र, शेष शुद्धा
वर्जित स्वर - आरोह में रे ध
न्यास के स्वर - ग प
समय - दिन का तीसरा प्रहर
सम प्रकृतिक राग मुल्तानी
मधुवंती राग बहुत प्राचीन राग नहीं हैं इसे आधुनिक रागो की श्रेणी में ही रक्खा जाता हैं कही कही इसे राग अम्बिका के नाम से भी जाना जाता हैं l राग मुल्तानी और पटदीप इसके सम्प्रकृतिक राग हैं यदि मुल्तानी में रे ध को शुद्ध कर दिया जाता हैं तो राग मधुवंती का निर्माण होता हैं
वैसे तो यह राग किसी थाट का नहीं माना जाता ,परन्तु क्योकि किसी न किसी ठाट में इसे रखना ही हैं इसलिए इसे तोड़ी ठाट क अंतर्गत रक्खा गया हैं परन्तु व्यंकट मुखी के 72 थाटों में इसे धर्मवती नामक थाट के नाम से जाना जाता हैं
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